नेपाल के नारायण घाट एवं देव घाट से छोड़े जाने वाले पानी के लेवल की लगातार मॉनिटरिंग आवश्यक।
गंडक बराज, वाल्मीकिनगर से डिस्चार्ज पानी लेवल की जानकारी लगातार देने की करें व्यवस्था।
संवेदनशील घाटों पर मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल तैनात करने का निदेश।

आसन्न बाढ़ एवं कटाव के मद्देनजर की जा रही तैयारियों की समीक्षा आज जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा की गयी। जिलाधिकारी ने कहा कि संभावित बाढ़ एवं कटाव से निपटने के लिए सभी तैयारियां ससमय कर ली जाय ताकि विषम परिस्थिति में परेशानियों का सामना नहीं करना पडे़।
उन्होंने निदेश दिया कि सभी अनुमंडलाधिकारी पिछले पांच वर्षों के फ्लड का स्टडी करें तथा भंडारण स्थल चिन्हित करें। उन्होंने कहा कि पर्याप्त मात्रा में फ्लड फाईटिंग मेटेरियल का भंडारण सुनिश्चित करायें ताकि आवश्यकता पड़ने पर त्वरित गति से कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि 25 मई तक फ्लड फाईटिंग मेटेरियल चिन्हित स्थलों पर पहुंच जानी चाहिए।
जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि नेपाल के नारायण घाट एवं देव घाट से छोड़े जाने वाले पानी के लेवल की लगातार मॉनिटरिंग आवश्यक है। प्रॉपर तरीके से दिन-रात मॉनिटरिंग कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि नेपाल के उक्त घाटों से जो पानी छोड़ा जाता है उसकी सूचना त्वरित गति से प्रसारित किया जाय। वाल्मीकिनगर गंडक बराज से भी कितना क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, इसकी भी सूचना तुरंत उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही मौसम विभाग द्वारा जारी वेदर, बारिश, वज्रपात, मैथमेटिकल मॉडलिंग आदि अपडेट का भी स्थानीय प्रिन्ट/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एवं सोशल मीडिया पर प्रसारित कराना सुनिश्चित किया जाय। आवश्यकतानुसार अधिकारियों एवं कर्मियों की संख्या बढ़ायी जाय।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक अनुमंडल में संवेदनशील बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर विशेष नजर रखनी है और सुरक्षात्मक कार्य कराना सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि जिन स्थलों पर प्रत्येक वर्ष बाढ़ एवं कटाव की स्थिति बनी रहती है वहां शरणस्थ्ली, कम्यूनिटी किचेन, पेयजल, शौचालय, पशु चारा, पशु चिकित्सा, मेडिकल कैम्प, ड्राई राशन पैकेट को पूर्व में ही स्टॉक करके रखा जाय। उक्त स्थलों पर फ्लेक्स एवं बैनर का अधिष्ठापन कराया जाय ताकि बाढ़ एवं कटाव प्रभावित व्यक्तियों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
उन्होंने कहा कि अभी से ही बाढ़ से प्रभावित होने वाले व्यक्तियों/परिवारों को पॉलीथिन शीट्स उपलब्ध करा दी जाय। उन्होंने कहा कि घाटों की प्रॉपर मॉनिटरिंग अत्यंत ही आवश्यक है। संवेदनशील घाटों पर मजिस्ट्रेट, पुलिस बल को तैनात किया जाय तथा वहां विशेष निगरानी रखी जाय। नाव परिचालन में फ्लेक्स-बैनर लगाया जाय जिस पर निःशुल्क सेवा, भार क्षमता अंकित होनी चाहिए। किसी भी परिस्थिति में नाव पर क्षमता से अधिक लोग सवार नहीं हो, इसे सुनिश्चित किया जाय। साथ ही बाढ़ के दौरान नदियों से लकड़ियां एकत्रित करने के क्रम में दुर्घटना से इंकार नहीं किया जा सकता है, इसलिए इस पर अंकुश लगाने की व्यवस्था की जाय।
जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि 31 मई तक हर हाल में जीआर लिस्ट अपडेट हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीआर पोर्टल से प्रभावित की लिस्ट प्रिन्ट करा ली जाय और अच्छे तरीके से जांच-पड़ताल करा ली जाय। किसी भी परिस्थिति में वास्तविक बाढ़ पीड़ित वंचित नहीं रहें।
पथ निर्माण से जुड़े कार्यपालक अभियंताओं को निदेश दिया गया कि सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मति अविलंब कराना सुनिश्चित किया जाय ताकि संभावित बाढ़ आदि के मद्देनजर राहत सामग्री पहुंचाने में विलंब नहीं हो।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त, श्री अनिल कुमार, अपर समाहर्ता, श्री नंदकिशोर साह, जिला आपदा प्रभारी पदाधिकारी, श्री अनिल राय, सभी एसडीएम सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता उपस्थित रहे।

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