श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष महिंदा अभयवर्धन ने 13 जुलाई को कहा कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने उन्हें सूचित किया है कि प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है।
श्रीलंका के संविधान के संबंधित प्रावधान के अनुसार, यदि राष्ट्रपति बीमारी, देश में अनुपस्थिति या अन्य कारणों से राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग नहीं कर सकते हैं, तो राष्ट्रपति राष्ट्रपति की शक्तियों के प्रयोग के लिए प्रधानमंत्री को नियुक्त कर सकते हैं।L
विक्रमसिंघे ने 13 जुलाई को देश भर में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी और पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगा दिया जहां राजधानी कोलंबो स्थित है।
वहीं, श्रीलंकाई प्रधानमंत्री कार्यालय ने 13 जुलाई को कुछ समय पहले इस बात की पुष्टि की कि राष्ट्रपति राजपक्षे देश छोड़कर जा चुके हैं। श्रीलंकाई वायु सेना ने भी 13 तारीख को बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति, प्रथम महिला और दो सुरक्षाकर्मी उस दिन वायु सेना के विमान से मालदीव पहुंचे थे।
गौरतलब है कि श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 9 जुलाई को विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। उस दिन दोपहर हुई आपातकालीन पार्टी की बैठक में, अधिकांश पार्टी नेताओं ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के तत्काल इस्तीफे और सभी दलों को जल्द से जल्द एक अंतरिम सरकार बनाने की मांग की। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने उसी दिन सोशल मीडिया पर कहा कि वह इस्तीफा दे देंगे। राजपक्षे ने संसद के अध्यक्ष महिंदा अभयवर्धन को सूचित किया कि वह 13 तारीख को इस्तीफा दे देंगे।
अभयवर्धन ने 11 जुलाई को कहा कि श्रीलंकाई संसद इस महीने की 20 तारीख को नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी। नया राष्ट्रपति सभी दलों को शामिल करके सरकार बनाने के लिए जिम्मेदार होगा।

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